तवलीती जमात के कोरोला मरीजों की हरकतो के चलते सरकार ने किया ये फैसला

 लखनऊ। कोरोना वायरस से संक्रमित व संदिग्ध तबलीगी जमात के मरीजों के उत्पात को देखते हुए प्रदेश सरकार ने सभी सरकारी विश्वविद्यालयों,संस्थानों व सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेजों की सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी पुलिस को सौंपने के निर्देश दिए हैं। इस सिलसिले में चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डा. रजनीश दुबे ने विश्वविद्यालयों, मेडिकल कॉलेजों व संस्थानों के साथ सभी डीएम को निर्देश दिए हैं। मेडिकल कालेजों में कर रहे हैं मरीज अवांछनीय हरकतें: इन निर्देशों के तहत उन्होंने बताया है कि कोविड - 19 से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों में मरीजों और उनके परिजनों की अवांछनीय हरकतों की शिकायतें आ रही हैं। मेडिकल कॉलेजों में परिजनों की भीड़ इकट्ठा होने के कारण कानून-व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो रही है। इसके साथ ही चिकित्सा संस्थान के परिसर में सोशल डिस्टन्सिंग का भी पालन नहीं हो रहा है। डीएम बनाएं सुरक्षा का माइक्रोप्लान: डा. दुबे ने मेडिकल कॉलेजों और चिकित्सा संस्थानों के संबंधित जिलों के डीएम को निर्देश दिए हैं कि वे सुरक्षा का माइक्रो प्लान बनाकर परिसर में पुलिस, होमगार्ड व पीआरडी जवानों की जरुरत के अनुसार तैनाती करें। उन्होनें मेडिकल कॉलेजों के प्रमुखों को भी निर्देश दिया है कि वह अपने जिले के डीएम व एसपी से समन्वय बनाकर अपने यहाँ पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात करवाएं । मेडिकल कालेज में बनाएं कंट्रोलरूम: उन्होनें चिकित्सा संस्थानों के प्रमुखों से यह भी कहा है कि वह अपने यहाँ कंट्रोल रूम बनाएं । इस कंट्रोल रूम से मेडिकल कॉलेजों के वार्डों में लगे सीसी टीवी के मार्फत निगरानी करें। कंट्रोल रूम में लैंडलाइन फोन हो। वहां 3 अधिकारी 3 पालियों में तैनात किए जाएं। मेडिकल कॉलेजों में इण्टरकॉम व इंटरनेट हर हालत में चालू रहें। इंटरनेट का नेटवर्क अगर कमजोर हो तो बूस्टर का इस्तेमाल करें। मेडिकल कॉलेज परिसर में पब्लिक एड्रेस सिस्टम भी होना चाहिए। इसके साथ ही कोरोना वायरस संक्रमित किसी मरीज़ को गंभीर हालत में वेंटीलेटर पर ले जाया जाए तो इसकी सूचना चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक कार्यालय में दी जाए। ऐसी स्थिति में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने से रोकने के लिए व्यापक सुरक्षा बंदोबस्त किए जाएं ।