कोरोना से जंग में निजी लैब,अस्पताल भी तैयार ,जानिए जांच की फीस

लखनऊ। कोरोना पर काबू पाने के लिए प्राइवेट अस्पतालों ने भी कमर कस ली है। इन अस्पतालों में सीएमओ के निर्देश पर मरीजों की भर्ती होगी। उधर, आईसीएमआर से अधिकृत किए जाने पर निजी पैथोलॉजी अपने लैब में कोरोना के संदिग्ध मरीजों की जांच कर सकती है। अभी तक प्रदेश में आरएमएल मल्होत्रा और लाल लैब को ही अधिकृत किया गया है। मौजूदा समय में प्रदेश में लाल पैथोलॉजी की तकरीबन 24 लैब और 630 कलेक्शन सेंटर संचालित हैं। इसी तरह आरएमएल मल्होत्रा पैथोलॉजी लखनऊ के करीब 15 केंद्रों समेत प्रदेश के आधा दर्जन जलिों में संचालित हैं। इन प्राइवेट पैथोलॉजी की दरें भी सरकार ने निर्धारित कर रखी । कोरोना वायरस के मरीजों की स्क्रीनिंग के लिए 1500 रुपये और 3000 रुपये टेस्टिंग के लिए दरें निर्धारित हैं। इस तरह निजी पैथालॉजी लैब में 4500 रुपए लिए जाएंगे। कोरोना वायरस के मरीज अभी निजी पैथालॉजी की ओर अपना रुख नहीं कर रहे हैं। कारण यह है कि सरकारी मेडिकल कालेजों में उनकी स्क्रीनिंग और टेस्टिंग निशुल्क हो रही है। दूसरे, कोरोना वायरस की मरीजों की जांच करने के लिए सरकारी मेडिकल कालेजों में पर्याप्त मात्रा में लैबोरेट्री हैं। चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक डा. के.के.गुप्ता ने बताया कि अभी तो सरकारी विश्वविद्यालयों, चिकित्सा संस्थानों और मेडिकल कालेजों में 10 लेबोरेट्री संचालित हैं। 14 अन्य मेडिकल कालेजों में भी जल्द लैबोरेट्री शुरू हो जाएंगी। इस तरह कुछ अन्य संस्थानों को मिलाकर 28 लैबोरेटी शरू हो जाएंगी। इसी तरह 27 निजी मेडिकल कालेजों में भी आइसोलेशन वार्ड स्थापित किए गए हैं। प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि अभी सरकारी अस्पतालों में करीब 3100 आइसोलेशन बेड हैं। निजी अस्पताल भी अपने यहां आइसोलेशन बेड के लिए तैयार हैं। जरूरत पड़ने पर इनकी भी मदद ली जाएगी। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग ने पूरे शरीर को सैनेटाइज करने वाली मशीन की व्यवस्था नहीं की है।